तिरंगा (Tricolor)
देखो एक नया तिरंगा लहराता है |
आज गणतंत्र दिवस है |
हर दिन से अलग एक नया दिन है |
आज तिरंगा लहराने का अवसर है |
एक नई उमंग और विश्वास को जगाना है |
आकाश सुना नहीं है |
देखो तिरंगा लहराता है |
हरा रंग जीवन है |
यह धरती हमारी माता है |
नारंगी रंग हमारी दिशा और लक्ष है |
भारत को सम्रद्ध और विशाल बनाना है |
सफ़ेद रंग हमारी आत्मा है |
परम परमात्मा से जुडी है |
यह ब्रह्मा, विष्णु, महेश का आगमन है |
सत्यम, शिवम्, सुन्दरम का समागम है |
तिरंगा तीन रंगोका मिलन है |
त्रिगुण का यह एक संतुलन है |
मध्य में कालचक्र चल रहा है |
सुदर्शन चक्र जैसे लगता है |
क्या यह भ्रष्टाचार को काटेगा ?
क्या यह कालाबाजारी को रोकेगा ?
क्या यह बेईमानी को जलाएगा ?
क्या यह रोटी, कपडा और मकान देगा ?
आओ हम सब मिलकर एक नया भारत बनाये |
एक नए तिरंगे को आकाश में सदा लहराते दिखाए | ❤️
Note!! The poem was written by me on the 26th of January 2010. This is a poem in Hindi. I am just sharing this poem during the Har Ghar Tiranga campaign. Want to buy me a Coffee? Oh, sure!! You can now Buy Me a Coffee here.
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